कृषि क़ानूनों के खिलाफ़ किसानों को आंदोलन करते हुए तीन महीनों से ज़्यादा हो गए. इस बीच कई पर्व और त्योहर आए और चले गए. नया साल इन किसानों ने सिंघू बॉर्डर पर बिता दिया तो पंजाब के मुख्य त्योहार लोहड़ी पर भी कई किसान परिवारों से दूर आंदोलन ही कर रहे थे. आख़िर कैसा होता है ऐसे ख़ुशी के मौकों पर भी आंदोलन में लगे रहना और अपनों से कोसों दूर होने का एहसास . दिल्ली से बीबीसी संवाददाता वदंना और रविंदर सिंह रॉबिन की ख़ास रिपोर्ट. रिपोर्ट- वंदना और रविंदर सिंब रॉबिन शूट एडिट- शुभम कॉल